अजय देवगन बॉलीवुड के बड़े और हिट ऐक्टरों में से एक हैं, इन्होंने सिंघम, गोलमाल और बादशाहों जैसी एक से बढ़ कर एक सुपरहिट फ़िल्में दी हैं। और अगर आप अजय देवगन की फ़िल्में देखते हैं तो उनके फ़िल्मों की देखकर आपके मन में कभी न कभी ये सवाल तो जरूर आया होगा कि अजय देवगन के ज्यादातर फिल्मों के डायरेक्टर रोहित शेट्टी ही क्यों होते हैं, या फिर यूं कहें कि रोहित शेट्टी के ज्यादातर फिल्मों के हीरो अजय देवगन ही क्यों होते हैं।
गोलमाल, गोलमाल फन अनलिमिटेड, गोलमाल 3, गोलमाल अगेन, सिंघम, सिंघम रिटर्नस, ऑल द बेस्ट, पोस्टर बॉयज, हिम्मतवाला, अजय देवगन की इस तरह की कई सारी सुपरहिट फिल्में ऐसी है जिसके डायरेक्टर रोहित शेट्टी है. तो वहीं रोहित शेट्टी के जिस फिल्म में अजय देवगन नहीं होते हैं तो उसमें कई बार अजय देवगन की पत्नी काजल ऐक्ट्रिस के रोल में नजर आती हैं जैसे दिलवाले, चेन्नई एक्स्प्रेस।
तो चलिए इसके पीछे की वजह जानिए, रोहित शेट्टी के पिता एम.बी शेट्टी और अजय देवगन के पिता वीरू देवगन काफी अच्छे दोस्त थे। और बॉलीवुड सूत्रों की माने तो ऐसा कहा जाता है कि जब रोहित शेट्टी सिर्फ 15 साल के थे तो उनके पिता की मौत हो गई थी, जिसके बाद रोहित शेट्टी की देख-भाल वीरू देवगन ने ही की थी और अजय देवगन और रोहित शेट्टी दोनों साथ में बड़े हुए है। और रोहित शेट्टी के पिता अजय देवगन को अपने गुरु और पिता भी मानते हैं और अजय को अपना बड़ा भाई।
यहां तक कि अजय देवगन और रोहित शेट्टी दोनों ने एक साथ बॉलीवुड में साल 1991 में आयी फिल्म फूल और कांटे के जरिए डेब्यू किया, इस फिल्म में अजय लीड ऐक्टर के रोल में थे तो वहीं रोहित शेट्टी असिस्टेंट डायरेक्टर। फिर दोनों ने एक साथ फिल्म सुहाग में काम किया। और उन दोनों की बीच की बॉन्डिंग इतनी मजबूत हो गयी और रोहित शेट्टी अजय को अपना बड़ा भाई और लकी चार्म भी मानते है, जिस कारण रोहित के ज्यादातर फिल्मों में अजय देवगन ही हीरो होते हैं।यहां तक कि अजय देवगन और रोहित शेट्टी दोनों ने एक साथ बॉलीवुड में साल 1991 में आयी फिल्म फूल और कांटे के जरिए डेब्यू किया, इस फिल्म में अजय लीड ऐक्टर के रोल में थे तो वहीं रोहित शेट्टी असिस्टेंट डायरेक्टर।