मीना कुमारी हिंदी फिल्मों की एक इतनी अच्छी अभिनेत्री जिन्हें कभी नकारा नहीं जा सकता। मीना कुमारी अक्सर दुखान्त फिल्मों में नजर आती थीं, मतलब ये कि मीना कुमारी अक्सर दुख भरी फिल्मों में काम करती थी। मीना कुमारी अपने दुखान्त कैरेक्टर में इतना घुस जाती थी कि लगता ही नहीं था कि फिल्म की शूटिंग हो रही है।
इनकी हिंदी फिल्मों में दमदार भूमिका रही जिसके लिए इन्हें आज भी याद किया जाता है, मीना कुमारी भारतीय सिनेमा के ट्रेजरी क्वीन भी कही जाती थी। मीना कुमारी अभिनेत्री होने के साथ-साथ एक बहुत बड़ी और उम्दा शायरा भी थी। मीना कुमारी ने 1939 से 1972 तक फिल्मी पर्दे पर काम किया।
बता दें कि मीना कुमारी का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था मीना कुमारी का असली नाम महजबी बानो था, मीना कुमारी मुंबई की रहने वाली थी यानी इनका जन्म स्थान मुंबई था।
कहा जाता है कि दरिद्रता के कारण मीना कुमारी जब पैदा हुई तो उनके पिता उन्हें अनाथ-आश्रम में छोड़ आए थे, लेकिन उसके बाद उनके अंदर पृत प्रेम की भावना जागृत हुई और फिर तुरंत मीना को अनाथ- आश्रम जाकर अपने साथ वापस लेकर घर चले आए।
मीना कुमारी ने हिंदी फिल्म जगत में अपना एक अलग ही पहचान स्थापित किया है, मीना कुमारी एक ऐसी अभिनेत्री थी जिनकी जगह शायद ही कोई ले सकता है।
मीना ने क्यों अपने ही पति को ना कह दिया?
दरअसल मीना एक्टिंग और शायरी के साथ साथ बहुत अच्छी कविताएं भी लिखती थी लेकिन एक बार जब उनके पति कमाल अमरोही ने उनसे अपने कविता सुनाने की इच्छा जाहिर की तो मीना ने मना कर दिया।
असल में कमाल अमरोही साहब खुद एक बहुत बेहतरीन लेखक थे, इसी कारण से मीना कुमारी अपना काम दिखाने में उन्हें शर्मा रही थी। बता दें कि कमाल अमरोही साहब भी एक बहुत बड़े, बेहतरीन और प्रसिद्ध लेखक थे। मीना कुमारी की कुछ फिल्में जिन्हें शायद आपको जरूर देखना चाहिए- साहिब बीवी और गुलाम, बैजू बावरा, लैदरफेस, एक ही रास्ता।