भारत में आजादी के बाद से ही सिनेमा जगत का विकास जोरों पर है जहां ब्लैक एंड वाइट में फिल्में बनती थी वहां अब रंगीन फिल्में बनना शुरू हो गई थी. फिल्मों में पहले अश्लीलता को दिखाना पाप समझा जाता था लेकिन समय ने अपना रुख ऐसा बदलें की आज हर कोई इस पाप को करने के लिए तैयार है क्योंकि इस तरह की फिल्में आजकल काफी चलन में है ऐसी फिल्मों से काफी मोटी तगड़ी रकम आती है. आज हम आपको 5 ऐसी फिल्में के बारे में बताएंगे जिन्हें आप अपने परिवार के साथ नहीं देख पाएंगे. फिल्मों में कुछ सीन इतनी अश्लील थी जिसको लेकर सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बैन कर दिया.
बैंडिट क्वीन (1994)
बैंडिट क्वीन 1994 की फिल्म है. यह फिल्म पूरी की पूरी फूलन देवी पर आधारित है इस फिल्म में सिर्फ और सिर्फ अश्लीलता भरा हुआ है, इस फिल्म में इतनी अश्लीलता दिखाई गई है कि सेंसर बोर्ड को इसे तुरंत बैन करना पड़ा था. इस फिल्म के निर्देशक का नाम शेखर कपूर है. इस फ़िल्म में सिर्फ यौन संबंध, नग्नता और अपमानजनक भाषा को प्रदर्शित किया गया था.
द पिंक मिरर (2003)
2003 में आई “द पिंक मिरर” फिल्म को असामान्य लिंग वाले इंसानों के जीवन के ऊपर बनाया गया था. फिल्म के निर्देशक का नाम रंगायण है. यह फिल्म अश्लीलता को काफी ज्यादा बढ़ावा दे रहा था. यह फिल्म दो ट्रांसस्कोल और एक समलैंगिक किशोरी के ऊपर है. इस फिल्म में इतनी अश्लीलता भरी गई थी कि, सेंसर बोर्ड को तुरंत इसे बैन करना पड़ गया था.
सिंस (2005)
2005 में आई फिल्म सिंस में एक केरल के पाप की कामूक यात्रा को दिखाया गया है, जो एक महिला की ओर आकर्षित होता है और उससे यौन संबंध बनाने मे लग जाता है. इस फिल्म में जुनून और वासना का भरमार मिलेगा. यह फिल्म कैथोलिक धर्म पर आधारित है, इसलिए सेंसर बोर्ड को लगा की इस फ़िल्म से कैथोलिक धर्म का अपमान हो रहा है इसलिए फिल्म को बंद करना पड़ा था. इसमें फ़िल्म में दिखाई गई नग्न दृश्य से भी सेंसर बोर्ड को समस्या थी.
गांडू (2010)
गांडू फिल्म 2010 में आई थी यह एक बंगाली भाषा में बनी हुई फिल्म थी, जो ब्लैक एंड वाइट में बनाई गई थी इस फिल्म में एक रैप संगीत द्वारा मौखिक सेक्स दृश्य को बड़े ही नग्न रूप में प्रस्तुत किया गया इसलिए सेंसर बोर्ड ने मजबूरन इसे बैन कर दिया.
कामसूत्र-ए टेल ऑफ लव (1996)
“कामसूत्र-ए टेल ऑफ लव” फिल्म 1996 में आई थी जिसके निर्देशक मीरा नायर है. इस फ़िल्म में इतनी अश्लीलता और अनैतिकता दिखाई गई थी कि सेंसर को इसे तुरंत बैन करना पड़ा. इस फिल्म में सोलवीं सदी के चार प्रेमियों के जीवन को फिल्माया गया था